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لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيْمُ   ( الشورى: ٤ )

To Him
لَهُۥ
उसी के लिए ही है
(belong) whatever
مَا
जो
(is) in
فِى
आसमानों में है
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
and whatever
وَمَا
और जो
(is) in
فِى
ज़मीन में है
the earth
ٱلْأَرْضِۖ
ज़मीन में है
and He
وَهُوَ
और वो
(is) the Most High
ٱلْعَلِىُّ
बहुत बुलन्द है
the Most Great
ٱلْعَظِيمُ
बहुत बड़ा है

Lahu ma fee alssamawati wama fee alardi wahuwa al'aliyyu al'atheemu (aš-Šūrā 42:4)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

आकाशों और धरती में जो कुछ है उसी का है और वह सर्वोच्च महिमावान है

English Sahih:

To Him belongs whatever is in the heavens and whatever is in the earth, and He is the Most High, the Most Great. ([42] Ash-Shuraa : 4)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और वह तो (बड़ा) आलीशान (और) बुर्ज़ुग है