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سَنُرِيْهِمْ اٰيٰتِنَا فِى الْاٰفَاقِ وَفِيْٓ اَنْفُسِهِمْ حَتّٰى يَتَبَيَّنَ لَهُمْ اَنَّهُ الْحَقُّۗ اَوَلَمْ يَكْفِ بِرَبِّكَ اَنَّهٗ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ شَهِيْدٌ   ( فصلت: ٥٣ )

Soon We will show them
سَنُرِيهِمْ
अनक़रीब हम दिखाएँगे उन्हे
Our Signs
ءَايَٰتِنَا
निशानियाँ अपनी
in
فِى
आफ़ाक़ / अतराफ़ में
the horizons
ٱلْءَافَاقِ
आफ़ाक़ / अतराफ़ में
and in
وَفِىٓ
और उनके नफ़्सों में
themselves
أَنفُسِهِمْ
और उनके नफ़्सों में
until
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
becomes clear
يَتَبَيَّنَ
वाज़ेह हो जाएगा
to them
لَهُمْ
उनके लिए
that it
أَنَّهُ
कि बेशक वो
(is) the truth
ٱلْحَقُّۗ
हक़ है
Is (it) not
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
sufficient
يَكْفِ
काफ़ी
concerning your Lord
بِرَبِّكَ
आपका रब (उस पर)
that He
أَنَّهُۥ
कि बेशक वो
(is) over
عَلَىٰ
ऊपर
all
كُلِّ
हर
things
شَىْءٍ
चीज़ के
a Witness?
شَهِيدٌ
ख़ूब गवाह है

Sanureehim ayatina fee alafaqi wafee anfusihim hatta yatabayyana lahum annahu alhaqqu awalam yakfi birabbika annahu 'ala kulli shayin shaheedun (Fuṣṣilat 41:53)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

शीघ्र ही हम उन्हें अपनी निशानियाँ वाह्य क्षेत्रों में दिखाएँगे और स्वयं उनके अपने भीतर भी, यहाँ तक कि उनपर स्पष्टा हो जाएगा कि वह (क़ुरआन) सत्य है। क्या तुम्हारा रब इस दृष्टि, से काफ़ी नहीं कि वह हर चीज़ का साक्षी है

English Sahih:

We will show them Our signs in the horizons and within themselves until it becomes clear to them that it is the truth. But is it not sufficient concerning your Lord that He is, over all things, a Witness? ([41] Fussilat : 53)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

हम अनक़रीब ही अपनी (क़ुदरत) की निशानियाँ अतराफ (आलम) में और ख़़ुद उनमें भी दिखा देगें यहाँ तक कि उन पर ज़ाहिर हो जाएगा कि वही यक़ीनन हक़ है क्या तुम्हारा परवरदिगार इसके लिए काफी नहीं कि वह हर चीज़ पर क़ाबू रखता है