وَلَقَدْ اٰتَيْنَا مُوْسَى الْكِتٰبَ فَاخْتُلِفَ فِيْهِ ۗوَلَوْلَا كَلِمَةٌ سَبَقَتْ مِنْ رَّبِّكَ لَقُضِيَ بَيْنَهُمْ ۗوَاِنَّهُمْ لَفِيْ شَكٍّ مِّنْهُ مُرِيْبٍ ( فصلت: ٤٥ )
Walaqad atayna moosa alkitaba faikhtulifa feehi walawla kalimatun sabaqat min rabbika laqudiya baynahum wainnahum lafee shakkin minhu mureebin (Fuṣṣilat 41:45)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमने मूसा को भी किताब प्रदान की थी, फिर उसमें भी विभेद किया गया। यदि तुम्हारे रब की ओर से पहले ही से एक बात निश्चित न हो चुकी होती तो उनके बीत फ़ैसला चुका दिया जाता। हालाँकि वे उसकी ओर से उलझन में डाल देनेवाले सन्देह में पड़े हुए है
English Sahih:
And We had already given Moses the Scripture, but it came under disagreement. And if not for a word [i.e., decree] that preceded from your Lord, it would have been concluded between them. And indeed they are, concerning it [i.e., the Quran], in disquieting doubt. ([41] Fussilat : 45)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(और नहीं सुनते) और हम ही ने मूसा को भी किताब (तौरैत) अता की थी तो उसमें भी इसमें एख्तेलाफ किया गया और अगर तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से एक बात पहले न हो चुकी होती तो उनमें कब का फैसला कर दिया गया होता, और ये लोग ऐसे शक़ में पड़े हुए हैं जिसने उन्हें बेचैन कर दिया है