وَمِنْ اٰيٰتِهٖٓ اَنَّكَ تَرَى الْاَرْضَ خَاشِعَةً فَاِذَآ اَنْزَلْنَا عَلَيْهَا الْمَاۤءَ اهْتَزَّتْ وَرَبَتْۗ اِنَّ الَّذِيْٓ اَحْيَاهَا لَمُحْيِ الْمَوْتٰى ۗاِنَّهٗ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ( فصلت: ٣٩ )
Wamin ayatihi annaka tara alarda khashi'atan faitha anzalna 'alayha almaa ihtazzat warabat inna allathee ahyaha lamuhyee almawta innahu 'ala kulli shayin qadeerun (Fuṣṣilat 41:39)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यह चीज़ भी उसकी निशानियों में से है कि तुम देखते हो कि धरती दबी पड़ी है; फिर ज्यों ही हमने उसपर पानी बरसाया कि वह फबक उठी और फूल गई। निश्चय ही जिसने उसे जीवित किया, वही मुर्दों को जीवित करनेवाला है। निस्संदेह उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है
English Sahih:
And of His signs is that you see the earth stilled, but when We send down upon it rain, it quivers and grows. Indeed, He who has given it life is the Giver of Life to the dead. Indeed, He is over all things competent. ([41] Fussilat : 39)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
उसकी क़ुदरत की निशानियों में से एक ये भी है कि तुम ज़मीन को ख़़ुश्क और बेआब ओ गयाह देखते हो फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने लगती है और फूल जाती है जिस ख़ुदा ने (मुर्दा) ज़मीन को ज़िन्दा किया वह यक़ीनन मुर्दों को भी जिलाएगा बेशक वह हर चीज़ पर क़ादिर है