فَاِنِ اسْتَكْبَرُوْا فَالَّذِيْنَ عِنْدَ رَبِّكَ يُسَبِّحُوْنَ لَهٗ بِالَّيْلِ وَالنَّهَارِ وَهُمْ لَا يَسْـَٔمُوْنَ ۩ ( فصلت: ٣٨ )
But if
فَإِنِ
फिर अगर
they are arrogant
ٱسْتَكْبَرُوا۟
वो तकब्बुर करें
then those who
فَٱلَّذِينَ
तो वो जो
(are) near
عِندَ
पास हैं
your Lord
رَبِّكَ
आपके रब के
glorify
يُسَبِّحُونَ
वो तस्बीह करते हैं
Him
لَهُۥ
उसकी
by night
بِٱلَّيْلِ
रात
and day
وَٱلنَّهَارِ
और दिन
And they
وَهُمْ
और वो
(do) not
لَا
नहीं वो उकताते
tire
يَسْـَٔمُونَ۩
नहीं वो उकताते
Faini istakbaroo faallatheena 'inda rabbika yusabbihoona lahu biallayli waalnnahari wahum la yasamoona (Fuṣṣilat 41:38)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
लेकिन यदि वे घमंड करें (और अल्लाह को याद न करें), तो जो फ़रिश्ते तुम्हारे रब के पास है वे तो रात और दिन उसकी तसबीह करते ही रहते है और वे उकताते नहीं
English Sahih:
But if they are arrogant – then those who are near your Lord [i.e., the angels] exalt Him by night and by day, and they do not become weary. ([41] Fussilat : 38)