وَيَوْمَ يُحْشَرُ اَعْدَاۤءُ اللّٰهِ اِلَى النَّارِ فَهُمْ يُوْزَعُوْنَ ( فصلت: ١٩ )
And (the) Day
وَيَوْمَ
और जिस दिन
will be gathered
يُحْشَرُ
इकट्ठे किए जाऐंगे
(the) enemies
أَعْدَآءُ
दुश्मन
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
to
إِلَى
तरफ़ आग के
the Fire
ٱلنَّارِ
तरफ़ आग के
then they
فَهُمْ
तो वो
will be assembled in rows
يُوزَعُونَ
वो रोके जाऐंगे
Wayawma yuhsharu a'dao Allahi ila alnnari fahum yooza'oona (Fuṣṣilat 41:19)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और विचार करो जिस दिन अल्लाह के शत्रु आग की ओर एकत्र करके लाए जाएँगे, फिर उन्हें श्रेणियों में क्रमबद्ध किया जाएगा, यहाँ तक की जब वे उसके पास पहुँच जाएँगे
English Sahih:
And [mention, O Muhammad], the Day when the enemies of Allah will be gathered to the Fire while they are [driven], assembled in rows, ([41] Fussilat : 19)