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وَاَمَّا ثَمُوْدُ فَهَدَيْنٰهُمْ فَاسْتَحَبُّوا الْعَمٰى عَلَى الْهُدٰى فَاَخَذَتْهُمْ صٰعِقَةُ الْعَذَابِ الْهُوْنِ بِمَا كَانُوْا يَكْسِبُوْنَ ۚ   ( فصلت: ١٧ )

And as for
وَأَمَّا
और रहे
Thamud
ثَمُودُ
समूद
We guided them
فَهَدَيْنَٰهُمْ
तो हिदायत दी हमने उन्हें
but they preferred
فَٱسْتَحَبُّوا۟
तो उन्होंने पसंद किया
[the] blindness
ٱلْعَمَىٰ
अंधेपन को
over
عَلَى
हिदायत पर
the guidance
ٱلْهُدَىٰ
हिदायत पर
so seized them
فَأَخَذَتْهُمْ
तो पकड़ लिया उन्हें
a thunderbolt
صَٰعِقَةُ
बिजली की कड़क ने
(of) the punishment
ٱلْعَذَابِ
ज़िल्लत वाले अज़ाब की
humiliating
ٱلْهُونِ
ज़िल्लत वाले अज़ाब की
for what
بِمَا
बवजह उसके जो
they used (to)
كَانُوا۟
थे वो
earn
يَكْسِبُونَ
वो कमाई करते

Waamma thamoodu fahadaynahum faistahabboo al'ama 'ala alhuda faakhathathum sa'iqatu al'athabi alhooni bima kanoo yaksiboona (Fuṣṣilat 41:17)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और रहे समूद, तो हमने उनके सामने सीधा मार्ग दिखाया, किन्तु मार्गदर्शन के मुक़ाबले में उन्होंने अन्धा रहना ही पसन्द किया। परिणामतः जो कुछ वे कमाई करते रहे थे उसके बदले में अपमानजनक यातना के कड़के ने उन्हें आ पकड़ा

English Sahih:

And as for Thamud, We guided them, but they preferred blindness over guidance, so the thunderbolt of humiliating punishment seized them for what they used to earn. ([41] Fussilat : 17)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और रहे समूद तो हमने उनको सीधा रास्ता दिखाया, मगर उन लोगों ने हिदायत के मुक़ाबले में गुमराही को पसन्द किया तो उन की करतूतों की बदौलत ज़िल्लत के अज़ाब की बिजली ने उनको ले डाला