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ذٰلِكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَفْرَحُوْنَ فِى الْاَرْضِ بِغَيْرِ الْحَقِّ وَبِمَا كُنْتُمْ تَمْرَحُوْنَ  ( غافر: ٧٥ )

"That was
ذَٰلِكُم
ये तुम्हारा (अंजाम)
because
بِمَا
बवजह उसके जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
rejoice
تَفْرَحُونَ
तुम ख़ुश होते
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
without
بِغَيْرِ
बग़ैर
right
ٱلْحَقِّ
हक़ के
and because
وَبِمَا
और बवजह उसके जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
be insolent
تَمْرَحُونَ
तुम इतराते

Thalikum bima kuntum tafrahoona fee alardi bighayri alhaqqi wabima kuntum tamrahoona (Ghāfir 40:75)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'यह इसलिए कि तुम धरती में नाहक़ मग्न थे और इसलिए कि तुम इतराते रहे हो

English Sahih:

[The angels will say], "That was because you used to exult upon the earth without right and you used to behave insolently. ([40] Ghafir : 75)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(कि कुछ समझ में न आएगा) ये उसकी सज़ा है कि तुम दुनिया में नाहक (बात पर) निहाल थे और इसकी सज़ा है कि तुम इतराया करते थे