هُوَ الْحَيُّ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ فَادْعُوْهُ مُخْلِصِيْنَ لَهُ الدِّيْنَ ۗ اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ( غافر: ٦٥ )
He
هُوَ
वो
(is) the Ever-Living;
ٱلْحَىُّ
ज़िन्दा है
(there is) no
لَآ
नहीं
god
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
but
إِلَّا
मगर
He
هُوَ
वो ही
so call Him
فَٱدْعُوهُ
पस पुकारो उसे
(being) sincere
مُخْلِصِينَ
ख़ालिस करने वाले हो कर
to Him
لَهُ
उसी के लिए
(in) the religion
ٱلدِّينَۗ
दीन को
All praise (be)
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
to Allah
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
(the) Lord
رَبِّ
जो रब है
(of) the worlds
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहानों का
Huwa alhayyu la ilaha illa huwa faod'oohu mukhliseena lahu alddeena alhamdu lillahi rabbi al'alameena (Ghāfir 40:65)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वह जीवन्त है। उसके सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। अतः उसी को पुकारो, धर्म को उसी के लिए विशुद्ध करके। सारी प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है, जो सारे संसार का रब है
English Sahih:
He is the Ever-Living; there is no deity except Him, so call upon Him, [being] sincere to Him in religion. [All] praise is [due] to Allah, Lord of the worlds. ([40] Ghafir : 65)