اَللّٰهُ الَّذِيْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ قَرَارًا وَّالسَّمَاۤءَ بِنَاۤءً وَّصَوَّرَكُمْ فَاَحْسَنَ صُوَرَكُمْ وَرَزَقَكُمْ مِّنَ الطَّيِّبٰتِ ۗذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ ۚ فَتَبٰرَكَ اللّٰهُ رَبُّ الْعٰلَمِيْنَ ( غافر: ٦٤ )
Allahu allathee ja'ala lakumu alarda qararan waalssamaa binaan wasawwarakum faahsana suwarakum warazaqakum mina alttayyibati thalikumu Allahu rabbukum fatabaraka Allahu rabbu al'alameena (Ghāfir 40:64)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ही है जिसने तुम्हारे लिए धरती को ठहरने का स्थान बनाया और आकाश को एक भवन के रूप में बनाया, और तुम्हें रूप दिए तो क्या ही अच्छे रूप दिए, और तुम्हें अच्छी पाक चीज़ों की रोज़ी दी। वह है अल्लाह, तुम्हारा रब। तो बड़ी बरकतवाला है अल्लाह, सारे संसार का रब
English Sahih:
It is Allah who made for you the earth a place of settlement and the sky a structure [i.e., ceiling] and formed you and perfected your forms and provided you with good things. That is Allah, your Lord; then blessed is Allah, Lord of the worlds. ([40] Ghafir : 64)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
अल्लाह ही तो है जिसने तुम्हारे वास्ते ज़मीन को ठहरने की जगह और आसमान को छत बनाया और उसी ने तुम्हारी सूरतें बनायीं तो अच्छी सूरतें बनायीं और उसी ने तुम्हें साफ सुथरी चीज़ें खाने को दीं यही अल्लाह तो तुम्हारा परवरदिगार है तो ख़ुदा बहुत ही मुतबर्रिक है जो सारे जहाँन का पालने वाला है