فَسَتَذْكُرُوْنَ مَآ اَقُوْلُ لَكُمْۗ وَاُفَوِّضُ اَمْرِيْٓ اِلَى اللّٰهِ ۗاِنَّ اللّٰهَ بَصِيْرٌ ۢبِالْعِبَادِ ( غافر: ٤٤ )
And you will remember
فَسَتَذْكُرُونَ
पस अनक़रीब तुम याद करोगे
what
مَآ
जो
I say
أَقُولُ
मैं कह रहा हूँ
to you
لَكُمْۚ
तुम्हें
and I entrust
وَأُفَوِّضُ
और मैं सुपुर्द करता हूँ
my affair
أَمْرِىٓ
मामला अपना
to
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के
Allah
ٱللَّهِۚ
तरफ़ अल्लाह के
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) All-Seer
بَصِيرٌۢ
ख़ूब देखने वाला है
of (His) slaves"
بِٱلْعِبَادِ
बन्दों को
Fasatathkuroona ma aqoolu lakum waofawwidu amree ila Allahi inna Allaha baseerun bial'ibadi (Ghāfir 40:44)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अतः शीघ्र ही तुम याद करोगे, जो कुछ मैं तुमसे कह रहा हूँ। मैं तो अपना मामला अल्लाह को सौंपता हूँ। निस्संदेह अल्लाह की दृष्टि सब बन्दों पर है
English Sahih:
And you will remember what I [now] say to you, and I entrust my affair to Allah. Indeed, Allah is Seeing of [His] servants." ([40] Ghafir : 44)