۞ فَمَا لَكُمْ فِى الْمُنٰفِقِيْنَ فِئَتَيْنِ وَاللّٰهُ اَرْكَسَهُمْ بِمَا كَسَبُوْا ۗ اَتُرِيْدُوْنَ اَنْ تَهْدُوْا مَنْ اَضَلَّ اللّٰهُ ۗوَمَنْ يُّضْلِلِ اللّٰهُ فَلَنْ تَجِدَ لَهٗ سَبِيْلًا ( النساء: ٨٨ )
Fama lakum fee almunafiqeena fiatayni waAllahu arkasahum bima kasaboo atureedoona an tahdoo man adalla Allahu waman yudlili Allahu falan tajida lahu sabeelan (an-Nisāʾ 4:88)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर तुम्हें क्या हो गया है कि कपटाचारियों (मुनाफ़िक़ो) के विषय में तुम दो गिरोह हो रहे हो, यद्यपि अल्लाह ने तो उनकी करतूतों के कारण उन्हें उल्टा फेर दिया है? क्या तुम उसे मार्ग पर लाना चाहते हो जिसे अल्लाह ने गुमराह छोड़ दिया है? हालाँकि जिसे अल्लाह मार्ग न दिखाए, उसके लिए तुम कदापि कोई मार्ग नहीं पा सकते
English Sahih:
What is [the matter] with you [that you are] two groups concerning the hypocrites, while Allah has made them fall back [into error and disbelief] for what they earned. Do you wish to guide those whom Allah has sent astray? And he whom Allah sends astray – never will you find for him a way [of guidance]. ([4] An-Nisa : 88)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(मुसलमानों) फिर तुमको क्या हो गया है कि तुम मुनाफ़िक़ों के बारे में दो फ़रीक़ हो गए हो (एक मुवाफ़िक़ एक मुख़ालिफ़) हालॉकि ख़ुद ख़ुदा ने उनके करतूतों की बदौलत उनकी अक्लों को उलट पुलट दिया है क्या तुम ये चाहते हो कि जिसको ख़ुदा ने गुमराही में छोड़ दिया है तुम उसे राहे रास्त पर ले आओ हालॉकि ख़ुदा ने जिसको गुमराही में छोड़ दिया है उसके लिए तुममें से कोई शख्स रास्ता निकाल ही नहीं सकता