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وَاِذَا حُيِّيْتُمْ بِتَحِيَّةٍ فَحَيُّوْا بِاَحْسَنَ مِنْهَآ اَوْ رُدُّوْهَا ۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ حَسِيْبًا  ( النساء: ٨٦ )

And when
وَإِذَا
और जब
you are greeted
حُيِّيتُم
दुआ दिए जाओ तुम
with a greeting
بِتَحِيَّةٍ
कोई दुआ
then greet
فَحَيُّوا۟
तो तुम भी दुआ दो
with better
بِأَحْسَنَ
ज़्यादा अच्छी
than it
مِنْهَآ
उस से
or
أَوْ
या
return it
رُدُّوهَآۗ
लौटा दो उसे
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
is
كَانَ
है
of
عَلَىٰ
ऊपर
every
كُلِّ
हर
thing
شَىْءٍ
चीज़ के
an Accountant
حَسِيبًا
ख़ूब हिसाब लेने वाला

Waitha huyyeetum bitahiyyatin fahayyoo biahsana minha aw ruddooha inna Allaha kana 'ala kulli shayin haseeban (an-Nisāʾ 4:86)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और तुम्हें जब सलामती की कोई दुआ दी जाए, तो तुम सलामती की उससे अच्छी दुआ दो या उसी को लौटा दो। निश्चय ही, अल्लाह हर चीज़ का हिसाब रखता है

English Sahih:

And when you are greeted with a greeting, greet [in return] with one better than it or [at least] return it [in a like manner]. Indeed Allah is ever, over all things, an Accountant. ([4] An-Nisa : 86)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जब कोई शख्स सलाम करे तो तुम भी उसके जवाब में उससे बेहतर तरीक़े से सलाम करो या वही लफ्ज़ जवाब में कह दो बेशक ख़ुदा हर चीज़ का हिसाब करने वाला है