وَيَقُوْلُوْنَ طَاعَةٌ ۖ فَاِذَا بَرَزُوْا مِنْ عِنْدِكَ بَيَّتَ طَاۤىِٕفَةٌ مِّنْهُمْ غَيْرَ الَّذِيْ تَقُوْلُ ۗ وَاللّٰهُ يَكْتُبُ مَا يُبَيِّتُوْنَ ۚ فَاَعْرِضْ عَنْهُمْ وَتَوَكَّلْ عَلَى اللّٰهِ ۗ وَكَفٰى بِاللّٰهِ وَكِيْلًا ( النساء: ٨١ )
Wayaqooloona ta'atun faitha barazoo min 'indika bayyata taifatun minhum ghayra allathee taqoolu waAllahu yaktubu ma yubayyitoona faa'rid 'anhum watawakkal 'ala Allahi wakafa biAllahi wakeelan (an-Nisāʾ 4:81)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और वे दावा तो आज्ञापालन का करते है, परन्तु जब तुम्हारे पास से हटते है तो उनमें एक गिरोह अपने कथन के विपरीत रात में षड्यंत्र करता है । जो कुछ वे षड्यंत्र करते है, अल्लाह उसे लिख रहा है। तो तुम उनसे रुख़ फेर लो और अल्लाह पर भरोसा रखो, और अल्लाह का कार्यसाधक होना काफ़ी है!
English Sahih:
And they say, "[We pledge] obedience." But when they leave you, a group of them spend the night determining to do other than what you say. But Allah records what they plan by night. So leave them alone and rely upon Allah. And sufficient is Allah as Disposer of affairs. ([4] An-Nisa : 81)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ये लोग तुम्हारे सामने) तो कह देते हैं कि हम (आपके) फ़रमाबरदार हैं लेकिन जब तुम्हारे पास से बाहर निकले तो उनमें से कुछ लोग जो कुछ तुमसे कह चुके थे उसके ख़िलाफ़ रातों को मशवरा करते हैं हालॉकि (ये नहीं समझते) ये लोग रातों को जो कुछ भी मशवरा करते हैं उसे ख़ुदा लिखता जाता है पास तुम उन लोगों की कुछ परवाह न करो और ख़ुदा पर भरोसा रखो और ख़ुदा कारसाज़ी के लिए काफ़ी है