Skip to main content

مَنْ يُّطِعِ الرَّسُوْلَ فَقَدْ اَطَاعَ اللّٰهَ ۚ وَمَنْ تَوَلّٰى فَمَآ اَرْسَلْنٰكَ عَلَيْهِمْ حَفِيْظًا ۗ   ( النساء: ٨٠ )

(He) who
مَّن
जिसने
obeys
يُطِعِ
इताअत की
the Messenger
ٱلرَّسُولَ
रसूल की
then surely
فَقَدْ
पस तहक़ीक़
he obeyed
أَطَاعَ
उसने इताअत की
Allah
ٱللَّهَۖ
अल्लाह की
and whoever
وَمَن
और जिसने
turns away -
تَوَلَّىٰ
मुँह मोड़ा
then not
فَمَآ
तो नहीं
We (have) sent you
أَرْسَلْنَٰكَ
भेजा हमने आपको
over them
عَلَيْهِمْ
उन पर
(as) a guardian
حَفِيظًا
निगरान

Man yuti'i alrrasoola faqad ata'a Allaha waman tawalla fama arsalnaka 'alayhim hafeethan (an-Nisāʾ 4:80)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिसने रसूल की आज्ञा का पालन किया, उसने अल्लाह की आज्ञा का पालन किया और जिसने मुँह मोड़ा तो हमने तुम्हें ऐसे लोगों पर कोई रखवाला बनाकर तो नहीं भेजा है

English Sahih:

He who obeys the Messenger has obeyed Allah; but those who turn away – We have not sent you over them as a guardian. ([4] An-Nisa : 80)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जिसने रसूल की इताअत की तो उसने ख़ुदा की इताअत की और जिसने रूगरदानी की तो तुम कुछ ख्याल न करो (क्योंकि) हमने तुम को पासबान (मुक़र्रर) करके तो भेजा नहीं है