اَيْنَمَا تَكُوْنُوْا يُدْرِكْكُّمُ الْمَوْتُ وَلَوْ كُنْتُمْ فِيْ بُرُوْجٍ مُّشَيَّدَةٍ ۗ وَاِنْ تُصِبْهُمْ حَسَنَةٌ يَّقُوْلُوْا هٰذِهٖ مِنْ عِنْدِ اللّٰهِ ۚ وَاِنْ تُصِبْهُمْ سَيِّئَةٌ يَّقُوْلُوْا هٰذِهٖ مِنْ عِنْدِكَ ۗ قُلْ كُلٌّ مِّنْ عِنْدِ اللّٰهِ ۗ فَمَالِ هٰٓؤُلَاۤءِ الْقَوْمِ لَا يَكَادُوْنَ يَفْقَهُوْنَ حَدِيْثًا ( النساء: ٧٨ )
Aynama takoonoo yudrikkumu almawtu walaw kuntum fee buroojin mushayyadatin wain tusibhum hasanatun yaqooloo hathihi min 'indi Allahi wain tusibhum sayyiatun yaqooloo hathihi min 'indika qul kullun min 'indi Allahi famali haolai alqawmi la yakadoona yafqahoona hadeethan (an-Nisāʾ 4:78)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'तुम जहाँ कहीं भी होंगे, मृत्यु तो तुम्हें आकर रहेगी; चाहे तुम मज़बूत बुर्जों (क़िलों) में ही (क्यों न) हो।' यदि उन्हें कोई अच्छी हालत पेश आती है तो कहते है, 'यह तो अल्लाह के पास से है।' परन्तु यदि उन्हें कोई बुरी हालत पेश आती है तो कहते है, 'यह तुम्हारे कारण है।' कह दो, 'हरेक चीज़ अल्लाह के पास से है।' आख़िर इन लोगों को क्या हो गया कि ये ऐसे नहीं लगते कि कोई बात समझ सकें?
English Sahih:
Wherever you may be, death will overtake you, even if you should be within towers of lofty construction. But if good comes to them, they say, "This is from Allah"; and if evil befalls them, they say, "This is from you." Say, "All [things] are from Allah." So what is [the matter] with those people that they can hardly understand any statement? ([4] An-Nisa : 78)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और वहां रेशा (बाल) बराबर भी तुम लोगों पर जुल्म नहीं किया जाएगा तुम चाहे जहॉ हो मौत तो तुमको ले डालेगी अगरचे तुम कैसे ही मज़बूत पक्के गुम्बदों में जा छुपो और उनको अगर कोई भलाई पहुंचती है तो कहने लगते हैं कि ये ख़ुदा की तरफ़ से है और अगर उनको कोई तकलीफ़ पहुंचती है तो (शरारत से) कहने लगते हैं कि (ऐ रसूल) ये तुम्हारी बदौलत है (ऐ रसूल) तुम कह दो कि सब ख़ुदा की तरफ़ से है पस उन लोगों को क्या हो गया है कि र्कोई बात ही नहीं समझते