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وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ سَنُدْخِلُهُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَآ اَبَدًاۗ لَهُمْ فِيْهَآ اَزْوَاجٌ مُّطَهَّرَةٌ ۙ وَّنُدْخِلُهُمْ ظِلًّا ظَلِيْلًا   ( النساء: ٥٧ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
believe[d]
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and did
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
the good deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
We will admit them
سَنُدْخِلُهُمْ
ज़रूर हम दाखिल करेंगे उन्हें
(in) Gardens
جَنَّٰتٍ
बाग़ात में
flows
تَجْرِى
बहती हैं
from
مِن
उनके नीचे से
underneath it
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
the rivers
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
will abide
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
in it
فِيهَآ
उनमें
forever
أَبَدًاۖ
हमेशा-हमेशा
For them
لَّهُمْ
उनके लिए
in it
فِيهَآ
उनमें
(are) spouses
أَزْوَٰجٌ
बीवियाँ हैं
pure
مُّطَهَّرَةٌۖ
इन्तिहाई पाकीज़ा
and We will admit them
وَنُدْخِلُهُمْ
और हम दाख़िल करेंगे उन्हें
(in the) shade
ظِلًّا
साए में
thick
ظَلِيلًا
घने

Waallatheena amanoo wa'amiloo alssalihati sanudkhiluhum jannatin tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha abadan lahum feeha azwajun mutahharatun wanudkhiluhum thillan thaleelan (an-Nisāʾ 4:57)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, उन्हें हम ऐसे बाग़ो में दाखिल करेंगे, जिनके नीचे नहरें बह रहीं होगी, जहाँ वे सदैव रहेंगे। उनके लिए वहाँ पाक जोड़े होंगे और हम उन्हें घनी छाँव में दाखिल करेंगे

English Sahih:

But those who believe and do righteous deeds – We will admit them to gardens beneath which rivers flow, wherein they abide forever. For them therein are purified spouses, and We will admit them to deepening shade. ([4] An-Nisa : 57)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो लोग ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम किए हम उनको अनक़रीब ही (बेहिश्त के) ऐसे ऐसे (हरे भरे) बाग़ों में जा पहुंचाएंगे जिन के नीचे नहरें जारी होंगी और उनमें हमेशा रहेंगे वहां उनकी साफ़ सुथरी बीवियॉ होंगी और उन्हे घनी छॉव में ले जाकर रखेंगे