اَلَمْ تَرَ اِلَى الَّذِيْنَ اُوْتُوْا نَصِيْبًا مِّنَ الْكِتٰبِ يُؤْمِنُوْنَ بِالْجِبْتِ وَالطَّاغُوْتِ وَيَقُوْلُوْنَ لِلَّذِيْنَ كَفَرُوْا هٰٓؤُلَاۤءِ اَهْدٰى مِنَ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا سَبِيْلًا ( النساء: ٥١ )
Alam tara ila allatheena ootoo naseeban mina alkitabi yuminoona bialjibti waalttaghooti wayaqooloona lillatheena kafaroo haolai ahda mina allatheena amanoo sabeelan (an-Nisāʾ 4:51)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा, जिन्हें किताब का एक हिस्सा दिय् गया? वे अवास्तविक चीज़ो और ताग़ूत (बढ़ हुए सरकश) को मानते है। और अधर्मियों के विषय में कहते है, 'ये ईमानवालों से बढ़कर मार्ग पर है।'
English Sahih:
Have you not seen those who were given a portion of the Scripture, who believe in jibt [superstition] and Taghut [false objects of worship] and say about the disbelievers, "These are better guided than the believers as to the way"? ([4] An-Nisa : 51)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) क्या तुमने उन लोगों के (हाल पर) नज़र नहीं की जिन्हें किताबे ख़ुदा का कुछ हिस्सा दिया गया था और (फिर) शैतान और बुतों का कलमा पढ़ने लगे और जिन लोगों ने कुफ़्र इख्तेयार किया है उनकी निस्बत कहने लगे कि ये तो ईमान लाने वालों से ज्यादा राहे रास्त पर हैं