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وَمَاذَا عَلَيْهِمْ لَوْ اٰمَنُوْا بِاللّٰهِ وَالْيَوْمِ الْاٰخِرِ وَاَنْفَقُوْا مِمَّا رَزَقَهُمُ اللّٰهُ ۗوَكَانَ اللّٰهُ بِهِمْ عَلِيْمًا   ( النساء: ٣٩ )

And what
وَمَاذَا
और क्या (आफ़त आती)
(is) against them
عَلَيْهِمْ
उन पर
if
لَوْ
अगर
they believed
ءَامَنُوا۟
वो ईमान ले आते
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and the Day
وَٱلْيَوْمِ
और आख़िरी दिन पर
the Last
ٱلْءَاخِرِ
और आख़िरी दिन पर
and spent
وَأَنفَقُوا۟
और वो ख़र्च करते
from what
مِمَّا
उसमें से जो
(has) provided them?
رَزَقَهُمُ
रिज़्क़ दिया उन्हें
Allah?
ٱللَّهُۚ
अल्लाह ने
And is
وَكَانَ
और है
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
about them
بِهِمْ
उन्हें
All-Knower
عَلِيمًا
ख़ूब जानने वाला

Wamatha 'alayhim law amanoo biAllahi waalyawmi alakhiri waanfaqoo mimma razaqahumu Allahu wakana Allahu bihim 'aleeman (an-Nisāʾ 4:39)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनका बिगड़ जाता, यदि वे अल्लाह और अन्तिम दिन पर ईमान लाते और जो कुछ अल्लाह ने उन्हें दिया है, उसमें से ख़र्च करते है? अल्लाह उन्हें भली-भाँति जानता है

English Sahih:

And what [harm would come] upon them if they believed in Allah and the Last Day and spent out of what Allah provided for them? And Allah is ever, about them, Knowing. ([4] An-Nisa : 39)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

अगर ये लोग ख़ुदा और रोज़े आख़िरत पर ईमान लाते और जो कुछ ख़ुदा ने उन्हें दिया है उसमें से राहे ख़ुदा में ख़र्च करते तो उन पर क्या आफ़त आ जाती और ख़ुदा तो उनसे ख़ूब वाक़िफ़ है