وَاِنْ خِفْتُمْ شِقَاقَ بَيْنِهِمَا فَابْعَثُوْا حَكَمًا مِّنْ اَهْلِهٖ وَحَكَمًا مِّنْ اَهْلِهَا ۚ اِنْ يُّرِيْدَآ اِصْلَاحًا يُّوَفِّقِ اللّٰهُ بَيْنَهُمَا ۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلِيْمًا خَبِيْرًا ( النساء: ٣٥ )
Wain khiftum shiqaqa baynihima faib'athoo hakaman min ahlihi wahakaman min ahliha in yureeda islahan yuwaffiqi Allahu baynahuma inna Allaha kana 'aleeman khabeeran (an-Nisāʾ 4:35)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यदि तुम्हें पति-पत्नी के बीच बिगाड़ का भय हो, तो एक फ़ैसला करनेवाला पुरुष के लोगों में से और एक फ़ैसला करनेवाला स्त्री के लोगों में से नियुक्त करो, यदि वे दोनों सुधार करना चाहेंगे, तो अल्लाह उनके बीच अनुकूलता पैदा कर देगा। निस्संदेह, अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, ख़बर रखनेवाला है
English Sahih:
And if you fear dissension between the two, send an arbitrator from his people and an arbitrator from her people. If they both desire reconciliation, Allah will cause it between them. Indeed, Allah is ever Knowing and Aware. ([4] An-Nisa : 35)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और ऐ हुक्काम (वक्त) अगर तुम्हें मियॉ बीवी की पूरी नाइत्तेफ़ाक़ी का तरफैन से अन्देशा हो तो एक सालिस (पन्च) मर्द के कुनबे में से एक और सालिस औरत के कुनबे में मुक़र्रर करो अगर ये दोनों सालिस दोनों में मेल करा देना चाहें तो ख़ुदा उन दोनों के दरमियान उसका अच्छा बन्दोबस्त कर देगा ख़ुदा तो बेशक वाक़िफ व ख़बरदार है