اِنْ تَجْتَنِبُوْا كَبَاۤىِٕرَ مَا تُنْهَوْنَ عَنْهُ نُكَفِّرْ عَنْكُمْ سَيِّاٰتِكُمْ وَنُدْخِلْكُمْ مُّدْخَلًا كَرِيْمًا ( النساء: ٣١ )
If
إِن
अगर
you avoid
تَجْتَنِبُوا۟
तुम इज्तिनाब करो/बचो
great (sins)
كَبَآئِرَ
बड़े गुनाहों से
(of) what
مَا
वो जो
you are forbidden
تُنْهَوْنَ
तुम रोके जाते हो
from [it]
عَنْهُ
जिनसे
We will remove
نُكَفِّرْ
हम दूर कर देंगे
from you
عَنكُمْ
तुम से
your evil deeds
سَيِّـَٔاتِكُمْ
बुराईयाँ तुम्हारी
and We will admit you
وَنُدْخِلْكُم
और हम दाख़िल करेंगे तुम्हें
(to) an entrance
مُّدْخَلًا
दाख़िल करना
a noble
كَرِيمًا
इज़्ज़त से
In tajtaniboo kabaira ma tunhawna 'anhu nukaffir 'ankum sayyiatikum wanudkhilkum mudkhalan kareeman (an-Nisāʾ 4:31)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि तुम उन बड़े गुनाहों से बचते रहो, जिनसे तुम्हे रोका जा रहा है, तो हम तुम्हारी बुराइयों को तुमसे दूर कर देंगे और तुम्हें प्रतिष्ठित स्थान में प्रवेश कराएँगे
English Sahih:
If you avoid the major sins which you are forbidden, We will remove from you your lesser sins and admit you to a noble entrance [into Paradise]. ([4] An-Nisa : 31)