حُرِّمَتْ عَلَيْكُمْ اُمَّهٰتُكُمْ وَبَنٰتُكُمْ وَاَخَوٰتُكُمْ وَعَمّٰتُكُمْ وَخٰلٰتُكُمْ وَبَنٰتُ الْاَخِ وَبَنٰتُ الْاُخْتِ وَاُمَّهٰتُكُمُ الّٰتِيْٓ اَرْضَعْنَكُمْ وَاَخَوٰتُكُمْ مِّنَ الرَّضَاعَةِ وَاُمَّهٰتُ نِسَاۤىِٕكُمْ وَرَبَاۤىِٕبُكُمُ الّٰتِيْ فِيْ حُجُوْرِكُمْ مِّنْ نِّسَاۤىِٕكُمُ الّٰتِيْ دَخَلْتُمْ بِهِنَّۖ فَاِنْ لَّمْ تَكُوْنُوْا دَخَلْتُمْ بِهِنَّ فَلَا جُنَاحَ عَلَيْكُمْ ۖ وَحَلَاۤىِٕلُ اَبْنَاۤىِٕكُمُ الَّذِيْنَ مِنْ اَصْلَابِكُمْۙ وَاَنْ تَجْمَعُوْا بَيْنَ الْاُخْتَيْنِ اِلَّا مَا قَدْ سَلَفَ ۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ۔ ( النساء: ٢٣ )
Hurrimat 'alaykum ommahatukum wabanatukum waakhawatukum wa'ammatukum wakhalatukum wabanatu alakhi wabanatu alokhti waommahatukumu allatee arda'nakum waakhawatukum mina alrrada'ati waommahatu nisaikum warabaibukumu allatee fee hujoorikum min nisaikumu allatee dakhaltum bihinna fain lam takoonoo dakhaltum bihinna fala junaha 'alaykum wahalailu abnaikumu allatheena min aslabikum waan tajma'oo bayna alokhtayni illa ma qad salafa inna Allaha kana ghafooran raheeman (an-Nisāʾ 4:23)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुम्हारे लिए हराम है तुम्हारी माएँ, बेटियाँ, बहनें, फूफियाँ, मौसियाँ, भतीतियाँ, भाँजिया, और तुम्हारी वे माएँ जिन्होंने तुम्हें दूध पिलाया हो और दूध के रिश्ते से तुम्हारी बहनें और तुम्हारी सासें और तुम्हारी पत्ऩियों की बेटियाँ जिनसे तुम सम्भोग कर चुक हो। परन्तु यदि सम्भोग नहीं किया है तो इसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं - और तुम्हारे उन बेटों की पत्ऩियाँ जो तुमसे पैदा हों और यह भी कि तुम दो बहनों को इकट्ठा करो; जो पहले जो हो चुका सो हो चुका। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है
English Sahih:
Prohibited to you [for marriage] are your mothers, your daughters, your sisters, your father's sisters, your mother's sisters, your brother's daughters, your sister's daughters, your [milk] mothers who nursed you, your sisters through nursing, your wives' mothers, and your step-daughters under your guardianship [born] of your wives unto whom you have gone in. But if you have not gone in unto them, there is no sin upon you. And [also prohibited are] the wives of your sons who are from your [own] loins, and that you take [in marriage] two sisters simultaneously, except for what has already occurred. Indeed, Allah is ever Forgiving and Merciful. ([4] An-Nisa : 23)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(मुसलमानों हसबे जेल) औरतें तुम पर हराम की गयी हैं तुम्हारी माएं (दादी नानी वगैरह सब) और तुम्हारी बेटियॉ (पोतियॉ) नवासियॉ (वगैरह) और तुम्हारी बहनें और तुम्हारी फुफियॉ और तुम्हारी ख़ालाएं और भतीजियॉ और भंजियॉ और तुम्हारी वह माएं जिन्होंने तुमको दूध पिलाया है और तुम्हारी रज़ाई (दूध शरीक) बहनें और तुम्हारी बीवीयों की माँए और वह (मादर ज़िलो) लड़कियां जो तुम्हारी गोद में परवरिश पा चुकी हो और उन औरतों (के पेट) से (पैदा हुई) हैं जिनसे तुम हमबिस्तरी कर चुके हो हाँ अगर तुमने उन बीवियों से (सिर्फ निकाह किया हो) हमबिस्तरी न की तो अलबत्ता उन मादरज़िलों (लड़कियों से) निकाह (करने में) तुम पर कुछ गुनाह नहीं है और तुम्हारे सुलबी लड़को (पोतों नवासों वगैरह) की बीवियॉ (बहुएं) और दो बहनों से एक साथ निकाह करना मगर जो हो चुका (वह माफ़ है) बेशक ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है