وَاِنْ اَرَدْتُّمُ اسْتِبْدَالَ زَوْجٍ مَّكَانَ زَوْجٍۙ وَّاٰتَيْتُمْ اِحْدٰىهُنَّ قِنْطَارًا فَلَا تَأْخُذُوْا مِنْهُ شَيْـًٔا ۗ اَتَأْخُذُوْنَهٗ بُهْتَانًا وَّاِثْمًا مُّبِيْنًا ( النساء: ٢٠ )
Wain aradtumu istibdala zawjin makana zawjin waataytum ihdahunna qintaran fala takhuthoo minhu shayan atakhuthoonahu buhtanan waithman mubeenan (an-Nisāʾ 4:20)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यदि तुम एक पत्ऩी की जगह दूसरी पत्ऩी लाना चाहो तो, चाहे तुमने उनमें किसी को ढेरों माल दे दिया हो, उसमें से कुछ मत लेना। क्या तुम उसपर झूठा आरोप लगाकर और खुले रूप में हक़ मारकर उसे लोगे?
English Sahih:
But if you want to replace one wife with another and you have given one of them a great amount [in gifts], do not take [back] from it anything. Would you take it in injustice and manifest sin? ([4] An-Nisa : 20)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और अगर तुम एक बीवी (को तलाक़ देकर उस) की जगह दूसरी बीवी (निकाह करके) तबदील करना चाहो तो अगरचे तुम उनमें से एक को (जिसे तलाक़ देना चाहते हो) बहुत सा माल दे चुके हो तो तुम उनमें से कुछ (वापस न लो) क्या तुम्हारी यही गैरत है कि (ख्वाह मा ख्वाह) बोहतान बॉधकर या सरीही जुर्म लगाकर वापस ले लो