لَنْ يَّسْتَنْكِفَ الْمَسِيْحُ اَنْ يَّكُوْنَ عَبْدًا لِّلّٰهِ وَلَا الْمَلٰۤىِٕكَةُ الْمُقَرَّبُوْنَۗ وَمَنْ يَّسْتَنْكِفْ عَنْ عِبَادَتِهٖ وَيَسْتَكْبِرْ فَسَيَحْشُرُهُمْ اِلَيْهِ جَمِيْعًا ( النساء: ١٧٢ )
Lan yastankifa almaseehu an yakoona 'abdan lillahi wala almalaikatu almuqarraboona waman yastankif 'an 'ibadatihi wayastakbir fasayahshuruhum ilayhi jamee'an (an-Nisāʾ 4:172)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मसीह ने कदापि अपने लिए बुरा नहीं समझा कि वह अल्लाह का बन्दा हो और न निकटवर्ती फ़रिश्तों ने ही (इसे बुरा समझा) । और जो कोई अल्लाह की बन्दगी को अपने लिए बुरा समझेगा और घमंड करेगा, तो वह (अल्लाह) उन सभी लोगों को अपने पास इकट्ठा करके रहेगा
English Sahih:
Never would the Messiah disdain to be a servant of Allah, nor would the angels near [to Him]. And whoever disdains His worship and is arrogant – He will gather them to Himself all together. ([4] An-Nisa : 172)