اِلَّا الَّذِيْنَ تَابُوْا وَاَصْلَحُوْا وَاعْتَصَمُوْا بِاللّٰهِ وَاَخْلَصُوْا دِيْنَهُمْ لِلّٰهِ فَاُولٰۤىِٕكَ مَعَ الْمُؤْمِنِيْنَۗ وَسَوْفَ يُؤْتِ اللّٰهُ الْمُؤْمِنِيْنَ اَجْرًا عَظِيْمًا ( النساء: ١٤٦ )
Illa allatheena taboo waaslahoo wai'tasamoo biAllahi waakhlasoo deenahum lillahi faolaika ma'a almumineena wasawfa yuti Allahu almumineena ajran 'atheeman (an-Nisāʾ 4:146)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उन लोगों की बात और है जिन्होंने तौबा कर ली और अपने को सुधार लिया और अल्लाह को मज़बूती से पकड़ लिया और अपने दीन (धर्म) में अल्लाह ही के हो रहे। ऐसे लोग ईमानवालों के साथ है और अल्लाह ईमानवालों को शीघ्र ही बड़ा प्रतिदान प्रदान करेगा
English Sahih:
Except for those who repent, correct themselves, hold fast to Allah, and are sincere in their religion for Allah, for those will be with the believers. And Allah is going to give the believers a great reward. ([4] An-Nisa : 146)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
मगर (हॉ) जिन लोगों ने (निफ़ाक़ से) तौबा कर ली और अपनी हालत दुरूस्त कर ली और ख़ुदा से लगे लिपटे रहे और अपने दीन को महज़ ख़ुदा के वास्ते निरा खरा कर लिया तो ये लोग मोमिनीन के साथ (बेहिश्त में) होंगे और मोमिनीन को ख़ुदा अनक़रीब ही बड़ा (अच्छा) बदला अता फ़रमाएगा