وَلِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ وَلَقَدْ وَصَّيْنَا الَّذِيْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ مِنْ قَبْلِكُمْ وَاِيَّاكُمْ اَنِ اتَّقُوا اللّٰهَ ۗوَاِنْ تَكْفُرُوْا فَاِنَّ لِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ وَكَانَ اللّٰهُ غَنِيًّا حَمِيْدًا ( النساء: ١٣١ )
Walillahi ma fee alssamawati wama fee alardi walaqad wassayna allatheena ootoo alkitaba min qablikum waiyyakum ani ittaqoo Allaha wain takfuroo fainna lillahi ma fee alssamawati wama fee alardi wakana Allahu ghaniyyan hameedan (an-Nisāʾ 4:131)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
आकाशों और धरती में जो कुछ है, सब अल्लाह ही का है। तुमसे पहले जिन्हें किताब दी गई थी, उन्हें और तुम्हें भी हमने ताकीद की है कि 'अल्लाह का डर रखो।' यदि तुम इनकार करते हो, तो इससे क्या होने का? आकाशों और धरती में जो कुछ है, सब अल्लाह ही का रहेगा। अल्लाह तो निस्पृह, प्रशंसनीय है
English Sahih:
And to Allah belongs whatever is in the heavens and whatever is on the earth. And We have instructed those who were given the Scripture before you and yourselves to fear Allah. But if you disbelieve – then to Allah belongs whatever is in the heavens and whatever is on the earth. And ever is Allah Free of need and Praiseworthy. ([4] An-Nisa : 131)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिन लोगों को तुमसे पहले किताबे ख़ुदा अता की गयी है उनको और तुमको भी उसकी हमने वसीयत की थी कि (ख़ुदा) (की नाफ़रमानी) से डरते रहो और अगर (कहीं) तुमने कुफ़्र इख्तेयार किया तो (याद रहे कि) जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज सब कुछ) ख़ुदा ही का है (जो चाहे कर सकता है) और ख़ुदा तो सबसे बेपरवा और (हमा सिफ़त) मौसूफ़ हर हम्द वाला है