وَلِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ وَكَانَ اللّٰهُ بِكُلِّ شَيْءٍ مُّحِيْطًا ࣖ ( النساء: ١٢٦ )
And for Allah
وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए है
(is) what
مَا
जो कुछ
(is) in
فِى
आसमानों में है
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
and what
وَمَا
और जो कुछ
(is) in
فِى
ज़मीन में है
the earth
ٱلْأَرْضِۚ
ज़मीन में है
and is
وَكَانَ
और है
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
of every
بِكُلِّ
हर
thing
شَىْءٍ
चीज़ को
All-Encompassing
مُّحِيطًا
घेरने वाला
Walillahi ma fee alssamawati wama fee alardi wakana Allahu bikulli shayin muheetan (an-Nisāʾ 4:126)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो कुछ आकाशों में और जो कुछ धरती में है, वह अल्लाह ही का है और अल्लाह हर चीज़ को घेरे हुए है
English Sahih:
And to Allah belongs whatever is in the heavens and whatever is on the earth. And ever is Allah, of all things, encompassing. ([4] An-Nisa : 126)