وَمَنْ يَّعْمَلْ مِنَ الصّٰلِحٰتِ مِنْ ذَكَرٍ اَوْ اُنْثٰى وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَاُولٰۤىِٕكَ يَدْخُلُوْنَ الْجَنَّةَ وَلَا يُظْلَمُوْنَ نَقِيْرًا ( النساء: ١٢٤ )
And whoever
وَمَن
और जो कोई
does
يَعْمَلْ
अमल करे
[of]
مِنَ
नेक
[the] righteous deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
from
مِن
मर्द हो
(the) male
ذَكَرٍ
मर्द हो
or
أَوْ
या
female
أُنثَىٰ
औरत
and he
وَهُوَ
जब कि वो
(is) a believer
مُؤْمِنٌ
मोमिन हो
then those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग
will enter
يَدْخُلُونَ
दाख़िल होंगे
Paradise
ٱلْجَنَّةَ
जन्नत में
and not
وَلَا
और ना
they will be wronged
يُظْلَمُونَ
वो ज़ुल्म किए जाऐंगे
(even as much as) the speck on a date-seed
نَقِيرًا
खजूर की गुठली में सुराख़ बराबर
Waman ya'mal mina alssalihati min thakarin aw ontha wahuwa muminun faolaika yadkhuloona aljannata wala yuthlamoona naqeeran (an-Nisāʾ 4:124)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
किन्तु जो अच्छे कर्म करेगा, चाहे पुरुष हो या स्त्री, यदि वह ईमानवाला है तो ऐसे लोग जन्नत में दाख़िल होंगे। और उनका हक़ रत्ती भर भी मारा नहीं जाएगा
English Sahih:
And whoever does righteous deeds, whether male or female, while being a believer – those will enter Paradise and will not be wronged, [even as much as] the speck on a date seed. ([4] An-Nisa : 124)