وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ سَنُدْخِلُهُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَآ اَبَدًاۗ وَعْدَ اللّٰهِ حَقًّا ۗوَمَنْ اَصْدَقُ مِنَ اللّٰهِ قِيْلًا ( النساء: ١٢٢ )
Waallatheena amanoo wa'amiloo alssalihati sanudkhiluhum jannatin tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha abadan wa'da Allahi haqqan waman asdaqu mina Allahi qeelan (an-Nisāʾ 4:122)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, उन्हें हम जल्द ही ऐसे बाग़ों में दाख़िल करेंगे, जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी, जहाँ वे सदैव रहेंगे। अल्लाह का वादा सच्चा है, और अल्लाह से बढ़कर बात का सच्चा कौन हो सकता है?
English Sahih:
But the ones who believe and do righteous deeds – We will admit them to gardens beneath which rivers flow, wherein they will abide forever. [It is] the promise of Allah, [which is] truth, and who is more truthful than Allah in statement. ([4] An-Nisa : 122)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए उन्हें हम अनक़रीब ही (बेहिश्त के) उन (हरे भरे) बाग़ों में जा पहुंचाएगें जिनके (दरख्तों के) नीचे नहरें जारी होंगी और ये लोग उसमें हमेशा आबादुल आबाद तक रहेंगे (ये उनसे) ख़ुदा का पक्का वायदा है और ख़ुदा से ज्यादा (अपनी) बात में सच्चा कौन होगा