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يَّسْتَخْفُوْنَ مِنَ النَّاسِ وَلَا يَسْتَخْفُوْنَ مِنَ اللّٰهِ وَهُوَ مَعَهُمْ اِذْ يُبَيِّتُوْنَ مَا لَا يَرْضٰى مِنَ الْقَوْلِ ۗ وَكَانَ اللّٰهُ بِمَا يَعْمَلُوْنَ مُحِيْطًا   ( النساء: ١٠٨ )

They seek to hide
يَسْتَخْفُونَ
वो छुप सकते हैं
from
مِنَ
लोगों से
the people
ٱلنَّاسِ
लोगों से
but not
وَلَا
और नहीं
(can) they hide
يَسْتَخْفُونَ
वो छुप सकते
from
مِنَ
अल्लाह से
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह से
and He
وَهُوَ
और वो
(is) with them
مَعَهُمْ
उनके साथ है
when
إِذْ
जब
they plot by night
يُبَيِّتُونَ
वो रातों को मशवरे करते हैं
what
مَا
जो
not
لَا
नहीं वो पसंद करता
(does) he approve
يَرْضَىٰ
नहीं वो पसंद करता
of
مِنَ
बात में से
the word
ٱلْقَوْلِۚ
बात में से
And is
وَكَانَ
और है
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
of what
بِمَا
उसको जो
they do
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते हैं
All-Encompassing
مُحِيطًا
घेरने वाला

Yastakhfoona mina alnnasi wala yastakhfoona mina Allahi wahuwa ma'ahum ith yubayyitoona ma la yarda mina alqawli wakana Allahu bima ya'maloona muheetan (an-Nisāʾ 4:108)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे लोगों से तो छिपते है, परन्तु अल्लाह से नहीं छिपते। वह तो (उस समय भी) उनके साथ होता है, जब वे रातों में उस बात की गुप्त-मंत्रणा करते है जो उनकी इच्छा के विरुद्ध होती है। जो कुछ वे करते है, वह अल्लाह (के ज्ञान) से आच्छदित है

English Sahih:

They conceal [their evil intentions and deeds] from the people, but they cannot conceal [them] from Allah, and He is with them [in His knowledge] when they spend the night in such as He does not accept of speech. And ever is Allah, of what they do, encompassing. ([4] An-Nisa : 108)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

लोगों से तो अपनी शरारत छुपाते हैं और (ख़ुदा से नहीं छुपा सकते) हालॉकि वह तो उस वक्त भी उनके साथ साथ है जब वह लोग रातों को (बैठकर) उन बातों के मशवरे करते हैं जिनसे ख़ुदा राज़ी नहीं और ख़ुदा तो उनकी सब करतूतों को (इल्म के अहाते में) घेरे हुए है