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وَلَا تُجَادِلْ عَنِ الَّذِيْنَ يَخْتَانُوْنَ اَنْفُسَهُمْ ۗ اِنَّ اللّٰهَ لَا يُحِبُّ مَنْ كَانَ خَوَّانًا اَثِيْمًاۙ  ( النساء: ١٠٧ )

And (do) not
وَلَا
और ना
argue
تُجَٰدِلْ
आप झगड़ा करें
for
عَنِ
उनकी तरफ़ से जो
those who
ٱلَّذِينَ
उनकी तरफ़ से जो
deceive
يَخْتَانُونَ
ख़यानत करते हैं
themselves
أَنفُسَهُمْۚ
अपने नफ़्सों से
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं पसंद करता
love
يُحِبُّ
नहीं पसंद करता
(the one) who
مَن
उसको जो
is
كَانَ
हो
treacherous
خَوَّانًا
बहुत ख़ाइन
(and) sinful
أَثِيمًا
बहुत गुनाहगार

Wala tujadil 'ani allatheena yakhtanoona anfusahum inna Allaha la yuhibbu man kana khawwanan atheeman (an-Nisāʾ 4:107)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और तुम उन लोगों की ओर से न झगड़ो जो स्वयं अपनों के साथ विश्वासघात करते है। अल्लाह को ऐसा व्यक्ति प्रिय नहीं है जो विश्वासघाती, हक़ मारनेवाला हो

English Sahih:

And do not argue on behalf of those who deceive themselves. Indeed, Allah loves not one who is a habitually sinful deceiver. ([4] An-Nisa : 107)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ऐ रसूल) तुम (उन बदमाशों) की तरफ़ होकर (लोगों से) न लड़ो जो अपने ही (लोगों) से दग़ाबाज़ी करते हैं बेशक ख़ुदा ऐसे शख्स को दोस्त नहीं रखता जो दग़ाबाज़ गुनाहगार हो