Ya ayyuha allatheena amanoo khuthoo hithrakum fainfiroo thubatin awi infiroo jamee'an
ऐ ईमान लानेवालो! अपने बचाव की साम्रगी (हथियार आदि) सँभालो। फिर या तो अलग-अलग टुकड़ियों में निकलो या इकट्ठे होकर निकलो
Wainna minkum laman layubattianna fain asabatkum museebatun qala qad an'ama Allahu 'alayya ith lam akun ma'ahum shaheedan
तुमसे से कोई ऐसा भी है जो ढीला पड़ जाता है, फिर यदि तुमपर कोई मुसीबत आए तो कहने लगता है कि अल्लाह ने मुझपर कृपा की कि मैं इन लोगों के साथ न गया
Walain asabakum fadlun mina Allahi layaqoolanna kaan lam takun baynakum wabaynahu mawaddatun ya laytanee kuntu ma'ahum faafooza fawzan 'atheeman
परन्तु यदि अल्लाह की ओर से तुमपर कोई उदार अनुग्रह हो तो वह इस प्रकार से जैसे तुम्हारे और उनके बीच प्रेम का कोई सम्बन्ध ही नहीं, कहता है, 'क्या ही अच्छा होता कि मैं भी उनके साथ होता, तो बड़ी सफलता प्राप्त करता।'
Falyuqatil fee sabeeli Allahi allatheena yashroona alhayata alddunya bialakhirati waman yuqatil fee sabeeli Allahi fayuqtal aw yaghlib fasawfa nuteehi ajran 'atheeman
तो जो लोग आख़िरत (परलोक) के बदले सांसारिक जीवन का सौदा करें, तो उन्हें चाहिए कि अल्लाह के मार्ग में लड़े। जो अल्लाह के मार्ग में लड़ेगी, चाहे वह मारा जाए या विजयी रहे, उसे हम शीघ्र ही बड़ा बदला प्रदान करेंगे
Wama lakum la tuqatiloona fee sabeeli Allahi waalmustad'afeena mina alrrijali waalnnisai waalwildani allatheena yaqooloona rabbana akhrijna min hathihi alqaryati alththalimi ahluha waij'al lana min ladunka waliyyan waij'al lana min ladunka naseeran
तुम्हें क्या हुआ है कि अल्लाह के मार्ग में और उन कमज़ोर पुरुषों, औरतों और बच्चों के लिए युद्ध न करो, जो प्रार्थनाएँ करते है कि 'हमारे रब! तू हमें इस बस्ती से निकाल, जिसके लोग अत्याचारी है। और हमारे लिए अपनी ओर से तू कोई समर्थक नियुक्त कर और हमारे लिए अपनी ओर से तू कोई सहायक नियुक्त कर।'
Allatheena amanoo yuqatiloona fee sabeeli Allahi waallatheena kafaroo yuqatiloona fee sabeeli alttaghooti faqatiloo awliyaa alshshaytani inna kayda alshshaytani kana da'eefan
ईमान लानेवाले तो अल्लाह के मार्ग में युद्ध करते है और अधर्मी लोग ताग़ूत (बढ़े हुए सरकश) के मार्ग में युद्ध करते है। अतः तुम शैतान के मित्रों से लड़ो। निश्चय ही, शैतान की चाल बहुत कमज़ोर होती है
Alam tara ila allatheena qeela lahum kuffoo aydiyakum waaqeemoo alssalata waatoo alzzakata falamma kutiba 'alayhimu alqitalu itha fareequn minhum yakhshawna alnnasa kakhashyati Allahi aw ashadda khashyatan waqaloo rabbana lima katabta 'alayna alqitala lawla akhkhartana ila ajalin qareebin qul mata'u alddunya qaleelun waalakhiratu khayrun limani ittaqa wala tuthlamoona fateelan
क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिनसे कहा गया था कि अपने हाथ रोके रखो और नमाज़ क़ायम करो और ज़कात दो? फिर जब उन्हें युद्ध का आदेश दिया गया तो क्या देखते है कि उनमें से कुछ लोगों का हाल यह है कि वे लोगों से ऐसा डरने लगे जैसे अल्लाह का डर हो या यह डर उससे भी बढ़कर हो। कहने लगे, 'हमारे रब! तूने हमपर युद्ध क्यों अनिवार्य कर दिया? क्यों न थोड़ी मुहलत हमें और दी?' कह दो, 'दुनिया की पूँजी बहुत थोड़ी है, जबकि आख़िरत उस व्यक्ति के अधिक अच्छी है जो अल्लाह का डर रखता हो और तुम्हारे साथ तनिक भी अन्याय न किया जाएगा।
Aynama takoonoo yudrikkumu almawtu walaw kuntum fee buroojin mushayyadatin wain tusibhum hasanatun yaqooloo hathihi min 'indi Allahi wain tusibhum sayyiatun yaqooloo hathihi min 'indika qul kullun min 'indi Allahi famali haolai alqawmi la yakadoona yafqahoona hadeethan
'तुम जहाँ कहीं भी होंगे, मृत्यु तो तुम्हें आकर रहेगी; चाहे तुम मज़बूत बुर्जों (क़िलों) में ही (क्यों न) हो।' यदि उन्हें कोई अच्छी हालत पेश आती है तो कहते है, 'यह तो अल्लाह के पास से है।' परन्तु यदि उन्हें कोई बुरी हालत पेश आती है तो कहते है, 'यह तुम्हारे कारण है।' कह दो, 'हरेक चीज़ अल्लाह के पास से है।' आख़िर इन लोगों को क्या हो गया कि ये ऐसे नहीं लगते कि कोई बात समझ सकें?
Ma asabaka min hasanatin famina Allahi wama asabaka min sayyiatin famin nafsika waarsalnaka lilnnasi rasoolan wakafa biAllahi shaheedan
तुम्हें जो भी भलाई प्राप्त' होती है, वह अल्लाह को ओर से है और जो बुरी हालत तुम्हें पेश आ जाती है तो वह तुम्हारे अपने ही कारण पेश आती है। हमने तुम्हें लोगों के लिए रसूल बनाकर भेजा है और (इसपर) अल्लाह का गवाह होना काफ़ी है
Man yuti'i alrrasoola faqad ata'a Allaha waman tawalla fama arsalnaka 'alayhim hafeethan
जिसने रसूल की आज्ञा का पालन किया, उसने अल्लाह की आज्ञा का पालन किया और जिसने मुँह मोड़ा तो हमने तुम्हें ऐसे लोगों पर कोई रखवाला बनाकर तो नहीं भेजा है