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بَلٰى قَدْ جَاۤءَتْكَ اٰيٰتِيْ فَكَذَّبْتَ بِهَا وَاسْتَكْبَرْتَ وَكُنْتَ مِنَ الْكٰفِرِيْنَ  ( الزمر: ٥٩ )

"Nay
بَلَىٰ
क्यों नहीं
verily
قَدْ
तहक़ीक़
came to you
جَآءَتْكَ
आईं तेरे पास
My Verses
ءَايَٰتِى
आयात मेरी
but you denied
فَكَذَّبْتَ
तो झुठला दिया तू ने
them
بِهَا
उन्हें
and were arrogant
وَٱسْتَكْبَرْتَ
और तकब्बुर किया तू ने
and you were
وَكُنتَ
और था तू
among
مِنَ
काफ़िरों में से
the disbelievers
ٱلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों में से

Bala qad jaatka ayatee fakaththabta biha waistakbarta wakunta mina alkafireena (az-Zumar 39:59)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'क्यों नहीं, मेरी आयतें तेरे पास आ चुकी थीं, किन्तु तूने उनको झूठलाया और घमंड किया और इनकार करनेवालों में सम्मिलित रहा

English Sahih:

But yes, there had come to you My verses, but you denied them and were arrogant, and you were among the disbelievers. ([39] Az-Zumar : 59)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उस वक्त ख़ुदा कहेगा ( हाँ ) हाँ तेरे पास मेरी आयतें पहुँची तो तूने उन्हें झुठलाया और शेख़ी कर बैठा और तू भी काफिरों में से था (अब तेरी एक न सुनी जाएगी)