اَللّٰهُ نَزَّلَ اَحْسَنَ الْحَدِيْثِ كِتٰبًا مُّتَشَابِهًا مَّثَانِيَۙ تَقْشَعِرُّ مِنْهُ جُلُوْدُ الَّذِيْنَ يَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ ۚ ثُمَّ تَلِيْنُ جُلُوْدُهُمْ وَقُلُوْبُهُمْ اِلٰى ذِكْرِ اللّٰهِ ۗذٰلِكَ هُدَى اللّٰهِ يَهْدِيْ بِهٖ مَنْ يَّشَاۤءُ ۗوَمَنْ يُّضْلِلِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ هَادٍ ( الزمر: ٢٣ )
Allahu nazzala ahsana alhadeethi kitaban mutashabihan mathaniya taqsha'irru minhu juloodu allatheena yakhshawna rabbahum thumma taleenu julooduhum waquloobuhum ila thikri Allahi thalika huda Allahi yahdee bihi man yashao waman yudlili Allahu fama lahu min hadin (az-Zumar 39:23)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ने सर्वोत्तम वाणी अवतरित की, एक ऐसी किताब जिसके सभी भाग परस्पर मिलते-जुलते है, जो रुख़ फेर देनेवाली (क्रांतिकारी) है। उससे उन लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते है जो अपने रब से डरते है। फिर उनकी खालें (शरीर) और उनके दिल नर्म होकर अल्लाह की याद की ओर झुक जाते है। वह अल्लाह का मार्गदर्शन है, उसके द्वारा वह सीधे मार्ग पर ले आता है, जिसे चाहता है। और जिसको अल्लाह पथभ्रष्ट रहने दे, फिर उसके लिए कोई मार्गदर्शक नहीं
English Sahih:
Allah has sent down the best statement: a consistent Book wherein is reiteration. The skins shiver therefrom of those who fear their Lord; then their skins and their hearts relax at the remembrance [i.e., mention] of Allah. That is the guidance of Allah by which He guides whom He wills. And one whom Allah sends astray – for him there is no guide. ([39] Az-Zumar : 23)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ये लोग सरीही गुमराही में (पड़े) हैं ख़ुदा ने बहुत ही अच्छा कलाम (यावी ये) किताब नाज़िल फरमाई (जिसकी आयतें) एक दूसरे से मिलती जुलती हैं और (एक बात कई-कई बार) दोहराई गयी है उसके सुनने से उन लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं जो अपने परवरदिगार से डरते हैं फिर उनके जिस्म नरम हो जाते हैं और उनके दिल खुदा की याद की तरफ बा इतमेनान मुतावज्जे हो जाते हैं ये खुदा की हिदायत है इसी से जिसकी चाहता है हिदायत करता है और खुदा जिसको गुमराही में छोड़ दे तो उसको कोई राह पर लाने वाला नहीं