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مَا كَانَ لِيَ مِنْ عِلْمٍۢ بِالْمَلَاِ الْاَعْلٰٓى اِذْ يَخْتَصِمُوْنَ  ( ص: ٦٩ )

Not
مَا
नहीं
is
كَانَ
है
for me
لِىَ
मुझे
any
مِنْ
कोई इल्म
knowledge
عِلْمٍۭ
कोई इल्म
(of) the chiefs
بِٱلْمَلَإِ
मलाए आला/ मुक़र्रब फ़रिश्तों का
the exalted
ٱلْأَعْلَىٰٓ
मलाए आला/ मुक़र्रब फ़रिश्तों का
when
إِذْ
जब
they were disputing
يَخْتَصِمُونَ
वो झगड़ते है

Ma kana liya min 'ilmin bialmalai ala'la ith yakhtasimoona (Ṣād 38:69)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

मुझे 'मलए आला' (ऊपरी लोक के फ़रिश्तों) का कोई ज्ञान नहीं था, जब वे वाद-विवाद कर रहे थे

English Sahih:

I had no knowledge of the exalted assembly [of angels] when they were disputing [the creation of Adam]. ([38] Sad : 69)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

आलम बाला के रहने वाले (फरिश्ते) जब वाहम बहस करते थे उसकी मुझे भी ख़बर न थी