قَالُوْا بَلْ اَنْتُمْ لَا مَرْحَبًاۢ بِكُمْ ۗ اَنْتُمْ قَدَّمْتُمُوْهُ لَنَاۚ فَبِئْسَ الْقَرَارُ ( ص: ٦٠ )
They say
قَالُوا۟
वो कहेंगे
"Nay!
بَلْ
बल्कि
You -
أَنتُمْ
तुम
no
لَا
ना
welcome
مَرْحَبًۢا
नहीं कोई ख़ुश आमदीद
for you
بِكُمْۖ
तुम्हें
You
أَنتُمْ
तुम ही
brought this
قَدَّمْتُمُوهُ
आगे लाए तुम उसे
upon us
لَنَاۖ
हमारे लिए
So wretched is
فَبِئْسَ
तो कितनी बुरी है
the settlement"
ٱلْقَرَارُ
जाय क़रार
Qaloo bal antum la marhaban bikum antum qaddamtumoohu lana fabisa alqararu (Ṣād 38:60)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे कहेंगे, 'नहीं, तुम नहीं। तुम्हारे लिए कोई आवभगत नहीं। तुम्ही यह हमारे आगे लाए हो। तो बहुत ही बुरी है यह ठहरने की जगह!'
English Sahih:
They will say, "Nor you! No welcome for you. You, [our leaders], brought this upon us, and wretched is the settlement." ([38] Sad : 60)