يٰدَاوٗدُ اِنَّا جَعَلْنٰكَ خَلِيْفَةً فِى الْاَرْضِ فَاحْكُمْ بَيْنَ النَّاسِ بِالْحَقِّ وَلَا تَتَّبِعِ الْهَوٰى فَيُضِلَّكَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ ۗاِنَّ الَّذِيْنَ يَضِلُّوْنَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِيْدٌ ۢبِمَا نَسُوْا يَوْمَ الْحِسَابِ ࣖ ( ص: ٢٦ )
Ya dawoodu inna ja'alnaka khaleefatan fee alardi faohkum bayna alnnasi bialhaqqi wala tattabi'i alhawa fayudillaka 'an sabeeli Allahi inna allatheena yadilloona 'an sabeeli Allahi lahum 'athabun shadeedun bima nasoo yawma alhisabi (Ṣād 38:26)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'ऐ दाऊद! हमने धरती में तुझे ख़लीफ़ा (उत्तराधिकारी) बनाया है। अतः तू लोगों के बीच हक़ के साथ फ़ैसला करना और अपनी इच्छा का अनुपालन न करना कि वह तुझे अल्लाह के मार्ग से भटका दे। जो लोग अल्लाह के मार्ग से भटकते है, निश्चय ही उनके लिए कठोर यातना है, क्योंकि वे हिसाब के दिन को भूले रहे।-
English Sahih:
[We said], "O David, indeed We have made you a successor upon the earth, so judge between the people in truth and do not follow [your own] desire, as it will lead you astray from the way of Allah." Indeed, those who go astray from the way of Allah will have a severe punishment for having forgotten the Day of Account. ([38] Sad : 26)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(हमने फरमाया) ऐ दाऊद हमने तुमको ज़मीन में (अपना) नाएब क़रार दिया तो तुम लोगों के दरमियान बिल्कुल ठीक फैसला किया करो और नफ़सियानी ख्वाहिश की पैरवी न करो बसा ये पीरों तुम्हें ख़ुदा की राह से बहका देगी इसमें शक नहीं कि जो लोग खुदा की राह में भटकते हैं उनकी बड़ी सख्त सज़ा होगी क्योंकि उन लोगों ने हिसाब के दिन (क़यामत) को भुला दिया