اِنَّ هٰذَآ اَخِيْ ۗ لَهٗ تِسْعٌ وَّتِسْعُوْنَ نَعْجَةً وَّلِيَ نَعْجَةٌ وَّاحِدَةٌ ۗفَقَالَ اَكْفِلْنِيْهَا وَعَزَّنِيْ فِى الْخِطَابِ ( ص: ٢٣ )
Indeed
إِنَّ
बेशक
this
هَٰذَآ
ये
(is) my brother
أَخِى
मेरा भाई है
he has
لَهُۥ
इसकी हैं
ninety-nine
تِسْعٌ
निनानवे
ninety-nine
وَتِسْعُونَ
निनानवे
ewe(s)
نَعْجَةً
दुम्बियाँ
while I have
وَلِىَ
और मेरे लिए
ewe
نَعْجَةٌ
दुम्बी है
one
وَٰحِدَةٌ
एक ही
so he said
فَقَالَ
तो इसने कहा
"Entrust her to me"
أَكْفِلْنِيهَا
सौंप दे मुझे उसे
and he overpowered me
وَعَزَّنِى
और उसने ग़ल्बा पा लिया मुझ पर
in
فِى
गुफ़्तगू में
[the] speech"
ٱلْخِطَابِ
गुफ़्तगू में
Inna hatha akhee lahu tis'un watis'oona na'jatan waliya na'jatun wahidatun faqala akfilneeha wa'azzanee fee alkhitabi (Ṣād 38:23)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यह मेरा भाई है। इसके पास निन्यानबे दुंबियाँ है और मेरे पास एक दुंबी है। अब इसका कहना है कि इसे भी मुझे सौप दे और बातचीत में इसने मुझे दबा लिया।'
English Sahih:
Indeed this, my brother, has ninety-nine ewes, and I have one ewe; so he said, 'Entrust her to me,' and he overpowered me in speech." ([38] Sad : 23)