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وَلَوْلَا نِعْمَةُ رَبِّيْ لَكُنْتُ مِنَ الْمُحْضَرِيْنَ  ( الصافات: ٥٧ )

And if not
وَلَوْلَا
और अगर ना होती
(for the) Grace
نِعْمَةُ
नेअमत
(of) my Lord
رَبِّى
मेरे रब की
certainly I (would) have been
لَكُنتُ
अलबत्ता होता मैं
among
مِنَ
हाज़िर किए जाने वालों में से
those brought
ٱلْمُحْضَرِينَ
हाज़िर किए जाने वालों में से

Walawla ni'matu rabbee lakuntu mina almuhdareena (aṣ-Ṣāffāt 37:57)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यदि मेरे रब की अनुकम्पा न होती तो अवश्य ही मैं भी पकड़कर हाज़िर किए गए लोगों में से होता

English Sahih:

If not for the favor of my Lord, I would have been of those brought in [to Hell]. ([37] As-Saffat : 57)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर मेरे परवरदिगार का एहसान न होता तो मैं भी (इस वक्त) तेरी तरह जहन्नुम में गिरफ्तार किया गया होता