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وَيَقُوْلُوْنَ اَىِٕنَّا لَتَارِكُوْٓا اٰلِهَتِنَا لِشَاعِرٍ مَّجْنُوْنٍ ۗ   ( الصافات: ٣٦ )

And they say
وَيَقُولُونَ
और वो कहते
"Are we
أَئِنَّا
क्या बेशक हम
to leave
لَتَارِكُوٓا۟
अलबत्ता छोड़ देने वाले हैं
our gods
ءَالِهَتِنَا
अपने माबूदों को
for a poet
لِشَاعِرٍ
वास्ते एक शायर
mad?"
مَّجْنُونٍۭ
मजनून के

Wayaqooloona ainna latarikoo alihatina lisha'irin majnoonin (aṣ-Ṣāffāt 37:36)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और कहते थे, 'क्या हम एक उन्मादी कवि के लिए अपने उपास्यों को छोड़ दें?'

English Sahih:

And were saying, "Are we to leave our gods for a mad poet?" ([37] As-Saffat : 36)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ये लोग कहते थे कि क्या एक पागल शायर के लिए हम अपने माबूदों को छोड़ बैठें (अरे कम्बख्तों ये शायर या पागल नहीं)