فَلَمَّا بَلَغَ مَعَهُ السَّعْيَ قَالَ يٰبُنَيَّ اِنِّيْٓ اَرٰى فِى الْمَنَامِ اَنِّيْٓ اَذْبَحُكَ فَانْظُرْ مَاذَا تَرٰىۗ قَالَ يٰٓاَبَتِ افْعَلْ مَا تُؤْمَرُۖ سَتَجِدُنِيْٓ اِنْ شَاۤءَ اللّٰهُ مِنَ الصّٰبِرِيْنَ ( الصافات: ١٠٢ )
Falamma balagha ma'ahu alssa'ya qala ya bunayya innee ara fee almanami annee athbahuka faonthur matha tara qala ya abati if'al ma tumaru satajidunee in shaa Allahu mina alssabireena (aṣ-Ṣāffāt 37:102)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर जब वह उसके साथ दौड़-धूप करने की अवस्था को पहुँचा तो उसने कहा, 'ऐ मेरे प्रिय बेटे! मैं स्वप्न में देखता हूँ कि तुझे क़ुरबान कर रहा हूँ। तो अब देख, तेरा क्या विचार है?' उसने कहा, 'ऐ मेरे बाप! जो कुछ आपको आदेश दिया जा रहा है उसे कर डालिए। अल्लाह ने चाहा तो आप मुझे धैर्यवान पाएँगे।'
English Sahih:
And when he reached with him [the age of] exertion, he said, "O my son, indeed I have seen in a dream that I [must] sacrifice you, so see what you think." He said, "O my father, do as you are commanded. You will find me, if Allah wills, of the steadfast." ([37] As-Saffat : 102)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
फिर जब इस्माईल अपने बाप के साथ दौड़ धूप करने लगा तो (एक दफा) इबराहीम ने कहा बेटा खूब मैं (वही के ज़रिये क्या) देखता हूँ कि मैं तो खुद तुम्हें ज़िबाह कर रहा हूँ तो तुम भी ग़ौर करो तुम्हारी इसमें क्या राय है इसमाईल ने कहा अब्बा जान जो आपको हुक्म हुआ है उसको (बे तअम्मुल) कीजिए अगर खुदा ने चाहा तो मुझे आप सब्र करने वालों में से पाएगे