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وَنُفِخَ فِى الصُّوْرِ فَاِذَا هُمْ مِّنَ الْاَجْدَاثِ اِلٰى رَبِّهِمْ يَنْسِلُوْنَ  ( يس: ٥١ )

And will be blown
وَنُفِخَ
और फूँका जाएगा
[in]
فِى
सूर में
the trumpet
ٱلصُّورِ
सूर में
and behold!
فَإِذَا
तो यकायक
They
هُم
वो
from
مِّنَ
क़ब्रों से
the graves
ٱلْأَجْدَاثِ
क़ब्रों से
to
إِلَىٰ
तरफ़ अपने रब के
their Lord
رَبِّهِمْ
तरफ़ अपने रब के
[they] will hasten
يَنسِلُونَ
वो तेज़ी से चल रहे होंगे

Wanufikha fee alssoori faitha hum mina alajdathi ila rabbihim yansiloona (Yāʾ Sīn 36:51)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और नरसिंघा में फूँक मारी जाएगी। फिर क्या देखेंगे कि वे क़ब्रों से निकलकर अपने रब की ओर चल पड़े हैं

English Sahih:

And the Horn will be blown; and at once from the graves to their Lord they will hasten. ([36] Ya-Sin : 51)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और फिर (जब दोबारा) सूर फूँका जाएगा तो उसी दम ये सब लोग (अपनी-अपनी) क़ब्रों से (निकल-निकल के) अपने परवरदिगार की बारगाह की तरफ चल खड़े होगे