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وَجَاۤءَ مِنْ اَقْصَا الْمَدِيْنَةِ رَجُلٌ يَّسْعٰى قَالَ يٰقَوْمِ اتَّبِعُوا الْمُرْسَلِيْنَۙ   ( يس: ٢٠ )

And came
وَجَآءَ
और आया
from
مِنْ
परले किनारे से
(the) farthest end
أَقْصَا
परले किनारे से
(of) the city
ٱلْمَدِينَةِ
शहर के
a man
رَجُلٌ
एक शख़्स
running
يَسْعَىٰ
दौड़ता हुआ
He said
قَالَ
बोला
"O my People!
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
Follow
ٱتَّبِعُوا۟
पैरवी करो
the Messengers
ٱلْمُرْسَلِينَ
इन रसूलों की

Wajaa min aqsa almadeenati rajulun yas'a qala ya qawmi ittabi'oo almursaleena (Yāʾ Sīn 36:20)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

इतने में नगर के दूरवर्ती सिरे से एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया। उसने कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगो! उनका अनुवर्तन करो, जो भेजे गए है।

English Sahih:

And there came from the farthest end of the city a man, running. He said, "O my people, follow the messengers. ([36] Ya-Sin : 20)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (इतने में) शहर के उस सिरे से एक शख्स (हबीब नज्जार) दौड़ता हुआ आया और कहने लगा कि ऐ मेरी क़ौम (इन) पैग़म्बरों का कहना मानो