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قَالُوْا مَآ اَنْتُمْ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُنَاۙ وَمَآ اَنْزَلَ الرَّحْمٰنُ مِنْ شَيْءٍۙ اِنْ اَنْتُمْ اِلَّا تَكْذِبُوْنَ   ( يس: ١٥ )

They said
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
"Not
مَآ
नहीं हो
you
أَنتُمْ
तुम
(are) but
إِلَّا
मगर
human beings
بَشَرٌ
एक इन्सान
like us
مِّثْلُنَا
हमारी तरह
and not
وَمَآ
और नहीं
has revealed
أَنزَلَ
नाज़िल की
the Most Gracious
ٱلرَّحْمَٰنُ
रहमान ने
any
مِن
कोई चीज़
thing
شَىْءٍ
कोई चीज़
Not
إِنْ
नहीं
you
أَنتُمْ
तुम
(are) but
إِلَّا
मगर
lying"
تَكْذِبُونَ
तुम झूठ बोलते हो

Qaloo ma antum illa basharun mithluna wama anzala alrrahmanu min shayin in antum illa takthiboona (Yāʾ Sīn 36:15)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे बोले, 'तुम तो बस हमारे ही जैसे मनुष्य हो। रहमान ने तो कोई भी चीज़ अवतरित नहीं की है। तुम केवल झूठ बोलते हो।'

English Sahih:

They said, "You are not but human beings like us, and the Most Merciful has not revealed a thing. You are only telling lies." ([36] Ya-Sin : 15)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वह लोग कहने लगे कि तुम लोग भी तो बस हमारे ही जैसे आदमी हो और खुदा ने कुछ नाज़िल (वाज़िल) नहीं किया है तुम सब के सब बस बिल्कुल झूठे हो