اِنَّا نَحْنُ نُحْيِ الْمَوْتٰى وَنَكْتُبُ مَا قَدَّمُوْا وَاٰثَارَهُمْۗ وَكُلَّ شَيْءٍ اَحْصَيْنٰهُ فِيْٓ اِمَامٍ مُّبِيْنٍ ࣖ ( يس: ١٢ )
Indeed We
إِنَّا
बेशक हम
We
نَحْنُ
हम ही
[We] give life
نُحْىِ
हम ज़िन्दा करेंगे
(to) the dead
ٱلْمَوْتَىٰ
मुर्दों को
and We record
وَنَكْتُبُ
और हम लिख रहे हैं
what
مَا
जो
they have sent before
قَدَّمُوا۟
उन्होंने आगे भेजा
and their footprints
وَءَاثَٰرَهُمْۚ
और उनके आसार को
and every
وَكُلَّ
और हर
thing
شَىْءٍ
चीज़ को
We have enumerated it
أَحْصَيْنَٰهُ
शुमार कर रखा है हमने उसे
in
فِىٓ
एक किताब में
a Register
إِمَامٍ
एक किताब में
clear
مُّبِينٍ
जो वाज़ेह है
Inna nahnu nuhyee almawta wanaktubu ma qaddamoo waatharahum wakulla shayin ahsaynahu fee imamin mubeenin (Yāʾ Sīn 36:12)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
निस्संदेह हम मुर्दों को जीवित करेंगे और हम लिखेंगे जो कुछ उन्होंने आगे के लिए भेजा और उनके चिन्हों को (जो पीछे रहा) । हर चीज़ हमने एक स्पष्ट किताब में गिन रखी है
English Sahih:
Indeed, it is We who bring the dead to life and record what they have put forth and what they left behind, and all things We have enumerated in a clear register. ([36] Ya-Sin : 12)