اَوَلَمْ يَسِيْرُوْا فِى الْاَرْضِ فَيَنْظُرُوْا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ وَكَانُوْٓا اَشَدَّ مِنْهُمْ قُوَّةً ۗوَمَا كَانَ اللّٰهُ لِيُعْجِزَهٗ مِنْ شَيْءٍ فِى السَّمٰوٰتِ وَلَا فِى الْاَرْضِۗ اِنَّهٗ كَانَ عَلِيْمًا قَدِيْرًا ( فاطر: ٤٤ )
Awalam yaseeroo fee alardi fayanthuroo kayfa kana 'aqibatu allatheena min qablihim wakanoo ashadda minhum quwwatan wama kana Allahu liyu'jizahu min shayin fee alssamawati wala fee alardi innahu kana 'aleeman qadeeran (Fāṭir 35:44)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि देखते कि उन लोगों का कैसा परिणाम हुआ है जो उनसे पहले गुज़रे हैं? हालाँकि वे शक्ति में उनसे कही बढ़-चढ़कर थे। अल्लाह ऐसा नहीं कि आकाशों में कोई चीज़ उसे मात कर सके और न धरती ही में। निस्संदेह वह सर्वज्ञ, सामर्थ्यमान है
English Sahih:
Have they not traveled through the land and observed how was the end of those before them? And they were greater than them in power. But Allah is not to be caused failure [i.e., prevented] by anything in the heavens or on the earth. Indeed, He is ever Knowing and Competent. ([35] Fatir : 44)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तो क्या उन लोगों ने रूए ज़मीन पर चल फिर कर नहीं देखा कि जो लोग उनके पहले थे और उनसे ज़ोर व कूवत में भी कहीं बढ़-चढ़ के थे फिर उनका (नाफ़रमानी की वजह से) क्या (ख़राब) अन्जाम हुआ और खुदा ऐसा (गया गुज़रा) नहीं है कि उसे कोई चीज़ आजिज़ कर सके (न इतने) आसमानों में और न ज़मीन में बेशक वह बड़ा ख़बरदार (और) बड़ी (क़ाबू) कुदरत वाला है