ثُمَّ اَوْرَثْنَا الْكِتٰبَ الَّذِيْنَ اصْطَفَيْنَا مِنْ عِبَادِنَاۚ فَمِنْهُمْ ظَالِمٌ لِّنَفْسِهٖ ۚوَمِنْهُمْ مُّقْتَصِدٌ ۚوَمِنْهُمْ سَابِقٌۢ بِالْخَيْرٰتِ بِاِذْنِ اللّٰهِ ۗذٰلِكَ هُوَ الْفَضْلُ الْكَبِيْرُۗ ( فاطر: ٣٢ )
Thumma awrathna alkitaba allatheena istafayna min 'ibadina faminhum thalimun linafsihi waminhum muqtasidun waminhum sabiqun bialkhayrati biithni Allahi thalika huwa alfadlu alkabeeru (Fāṭir 35:32)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर हमने इस किताब का उत्तराधिकारी उन लोगों को बनाया, जिन्हें हमने अपने बन्दो में से चुन लिया है। अब कोई तो उनमें से अपने आप पर ज़ुल्म करता है और कोई उनमें से मध्य श्रेणी का है और कोई उनमें से अल्लाह के कृपायोग से भलाइयों में अग्रसर है। यही है बड़ी श्रेष्ठता। -
English Sahih:
Then We caused to inherit the Book those We have chosen of Our servants; and among them is he who wrongs himself [i.e., sins], and among them is he who is moderate, and among them is he who is foremost in good deeds by permission of Allah. That [inheritance] is what is the great bounty. ([35] Fatir : 32)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
फिर हमने अपने बन्दगान में से ख़ास उनको कुरान का वारिस बनाया जिन्हें (अहल समझकर) मुन्तख़िब किया क्योंकि बन्दों में से कुछ तो (नाफरमानी करके) अपनी जान पर सितम ढाते हैं और कुछ उनमें से (नेकी बदी के) दरमियान हैं और उनमें से कुछ लोग खुदा के इख़तेयार से नेकों में (औरों से) गोया सबकत ले गए हैं (इन्तेख़ाब व सबक़त) तो खुदा का बड़ा फज़ल है