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وَالَّذِيْٓ اَوْحَيْنَآ اِلَيْكَ مِنَ الْكِتٰبِ هُوَ الْحَقُّ مُصَدِّقًا لِّمَا بَيْنَ يَدَيْهِۗ اِنَّ اللّٰهَ بِعِبَادِهٖ لَخَبِيْرٌۢ بَصِيْرٌ   ( فاطر: ٣١ )

And (that) which
وَٱلَّذِىٓ
और जो
We have revealed
أَوْحَيْنَآ
वही की हमने
to you
إِلَيْكَ
आपकी तरफ़
of
مِنَ
किताब में से
the Book
ٱلْكِتَٰبِ
किताब में से
it
هُوَ
वो ही
(is) the truth
ٱلْحَقُّ
हक़ है
confirming
مُصَدِّقًا
तस्दीक़ करने वाली
what (was)
لِّمَا
उसकी जो
before it
بَيْنَ
उससे पहले है
before it
يَدَيْهِۗ
उससे पहले है
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
of His slaves
بِعِبَادِهِۦ
अपने बन्दों के बारे में
surely, (is) All-Aware
لَخَبِيرٌۢ
अलबत्ता पूरी तरह बाख़बर है
All-Seer
بَصِيرٌ
ख़ूब देखने वाला है

Waallathee awhayna ilayka mina alkitabi huwa alhaqqu musaddiqan lima bayna yadayhi inna Allaha bi'ibadihi lakhabeerun baseerun (Fāṭir 35:31)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो किताब हमने तुम्हारी ओर प्रकाशना द्वारा भेजी है, वही सत्य है। अपने से पहले (की किताबों) की पुष्टि में है। निश्चय ही अल्लाह अपने बन्दों की ख़बर पूरी रखनेवाला, देखनेवाला है

English Sahih:

And that which We have revealed to you, [O Muhammad], of the Book is the truth, confirming what was before it. Indeed Allah, of His servants, is Aware and Seeing. ([35] Fatir : 31)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने जो किताब तुम्हारे पास ''वही'' के ज़रिए से भेजी वह बिल्कुल ठीक है और जो (किताबें इससे पहले की) उसके सामने (मौजूद) हैं उनकी तसदीक़ भी करती हैं - बेशक खुदा अपने बन्दों (के हालात) से खूब वाक़िफ है (और) देख रहा है