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مَا يَفْتَحِ اللّٰهُ لِلنَّاسِ مِنْ رَّحْمَةٍ فَلَا مُمْسِكَ لَهَا ۚوَمَا يُمْسِكْۙ فَلَا مُرْسِلَ لَهٗ مِنْۢ بَعْدِهٖۗ وَهُوَ الْعَزِيْزُ الْحَكِيْمُ   ( فاطر: ٢ )

What
مَّا
जो
Allah grants
يَفْتَحِ
खोल दे
Allah grants
ٱللَّهُ
अल्लाह
to mankind
لِلنَّاسِ
लोगों के लिए
of
مِن
कोई रहमत
Mercy
رَّحْمَةٍ
कोई रहमत
then none
فَلَا
तो नहीं
(can) withhold
مُمْسِكَ
कोई बन्द करने वाला
it
لَهَاۖ
उसे
And what
وَمَا
और जो
He withholds
يُمْسِكْ
वो बन्द कर दे
then none
فَلَا
तो नहीं
(can) release
مُرْسِلَ
कोई भेजने वाला
it
لَهُۥ
उसे
thereafter
مِنۢ
बाद उसके
thereafter
بَعْدِهِۦۚ
बाद उसके
And He
وَهُوَ
और वो
(is) the All-Mighty
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त है
the All-Wise
ٱلْحَكِيمُ
ख़ूब हिकमत वाला है

Ma yaftahi Allahu lilnnasi min rahmatin fala mumsika laha wama yumsik fala mursila lahu min ba'dihi wahuwa al'azeezu alhakeemu (Fāṭir 35:2)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह जो दयालुता लोगों के लिए खोल दे उसे कोई रोकनेवाला नहीं और जिसे वह रोक ले तो उसके बाद उसे कोई जारी करनेवाला भी नहीं। वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है

English Sahih:

Whatever Allah grants to people of mercy – none can withhold it; and whatever He withholds – none can release it thereafter. And He is the Exalted in Might, the Wise. ([35] Fatir : 2)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

लोगों के वास्ते जब (अपनी) रहमत (के दरवाजे) ख़ोल दे तो कोई उसे जारी नहीं कर सकता और जिस चीज़ को रोक ले उसके बाद उसे कोई रोक नहीं सकता और वही हर चीज़ पर ग़ालिब और दाना व बीना हकीम है