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وَاللّٰهُ خَلَقَكُمْ مِّنْ تُرَابٍ ثُمَّ مِنْ نُّطْفَةٍ ثُمَّ جَعَلَكُمْ اَزْوَاجًاۗ وَمَا تَحْمِلُ مِنْ اُنْثٰى وَلَا تَضَعُ اِلَّا بِعِلْمِهٖۗ وَمَا يُعَمَّرُ مِنْ مُّعَمَّرٍ وَّلَا يُنْقَصُ مِنْ عُمُرِهٖٓ اِلَّا فِيْ كِتٰبٍۗ اِنَّ ذٰلِكَ عَلَى اللّٰهِ يَسِيْرٌ   ( فاطر: ١١ )

And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह ने
created you
خَلَقَكُم
पैदा किया तुम्हें
from
مِّن
मिट्टी से
dust
تُرَابٍ
मिट्टी से
then
ثُمَّ
फिर
from
مِن
नुत्फ़े से
a sperm-drop;
نُّطْفَةٍ
नुत्फ़े से
then
ثُمَّ
फिर
He made you
جَعَلَكُمْ
बनाया तुम्हें
mates
أَزْوَٰجًاۚ
जोड़े
And not
وَمَا
और नहीं
conceives
تَحْمِلُ
उठाती
any
مِنْ
कोई मादा
female
أُنثَىٰ
कोई मादा
and not
وَلَا
और नहीं
gives birth
تَضَعُ
वो जन्म देती है
except
إِلَّا
मगर
with His knowledge
بِعِلْمِهِۦۚ
साथ उसके इल्म के
And not
وَمَا
और नहीं
is granted life
يُعَمَّرُ
उमर दिया जाता
any
مِن
कोई उमर दिया हुआ
aged person
مُّعَمَّرٍ
कोई उमर दिया हुआ
and not
وَلَا
और ना
is lessened
يُنقَصُ
कमी की जाती
from
مِنْ
उसकी उमर में से कुछ
his life
عُمُرِهِۦٓ
उसकी उमर में से कुछ
but
إِلَّا
मगर
(is) in
فِى
एक किताब में है
a Register
كِتَٰبٍۚ
एक किताब में है
Indeed
إِنَّ
बेशक
that
ذَٰلِكَ
ये
for
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
(is) easy
يَسِيرٌ
बहुत आसान है

WaAllahu khalaqakum min turabin thumma min nutfatin thumma ja'alakum azwajan wama tahmilu min ontha wala tada'u illa bi'ilmihi wama yu'ammaru min mu'ammarin wala yunqasu min 'umurihi illa fee kitabin inna thalika 'ala Allahi yaseerun (Fāṭir 35:11)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह ने तुम्हें मिट्टी से पैदा किया, फिर वीर्य से, फिर तुम्हें जोड़े-जोड़े बनाया। उसके ज्ञान के बिना न कोई स्त्री गर्भवती होती है और न जन्म देती है। और जो कोई आयु को प्राप्ति करनेवाला आयु को प्राप्त करता है और जो कुछ उसकी आयु में कमी होती है। अनिवार्यतः यह सब एक किताब में लिखा होता है। निश्चय ही यह सब अल्लाह के लिए अत्यन्त सरल है

English Sahih:

And Allah created you from dust, then from a sperm-drop; then He made you mates. And no female conceives nor does she give birth except with His knowledge. And no aged person is granted [additional] life nor is his lifespan lessened but that it is in a register. Indeed, that for Allah is easy. ([35] Fatir : 11)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और खुदा ही ने तुम लोगों को (पहले पहल) मिट्टी से पैदा किया फिर नतफ़े से फिर तुमको जोड़ा (नर मादा) बनाया और बग़ैर उसके इल्म (इजाज़त) के न कोई औरत हमेला होती है और न जनती है और न किसी शख्स की उम्र में ज्यादती होती है और न किसी की उम्र से कमी की जाती है मगर वह किताब (लौहे महफूज़) में (ज़रूर) है बेशक ये बात खुदा पर बहुत ही आसान है